वैदिक एवं आधुनिक भौतिक विज्ञान शोध संस्थान
यह संस्थान श्री वैदिक स्वस्ति पन्था न्यास के द्वारा संस्थापित व संचालित है। इसका उद्देश्य वेद व ऋषियों के ग्रन्थों के गूढ़ विज्ञान को उद्घाटित करके तथा वर्तमान भौतिकी की गूढ़ व अनसुलझी समस्याओं की पहिचान कर उन्हें वैदिक भौतिकी के द्वारा दूर करने का प्रयास करना हैं। इसके द्वारा विश्व को पूर्ण एवं यथार्थ भौतिकी देकर उसके आधार पर भविष्य में ऐसी निरापद तकनीक का आविष्कार करना, जिससे पर्यावरण, स्वास्थ्य व कृषि आदि की रक्षा करने का पूर्व प्रयास करना। वर्तमान भौतिकी की अनेक शाखाओं यथा - काॅस्मोलाॅजी, पार्टिकल फिजिक्स, एस्ट्रोफिजिक्स, सोलर फिजिक्स, क्वाण्टम फील्ड थ्योरी, स्ट्रिंग थ्योरी व प्लाज्मा फिजिक्स, काल, आकाश, ऊर्जा, द्रव्यमान आदि के क्षेत्र में वैदिक भौतिकी के द्वारा आगामी 100-200 वर्ष के लिए अनुसंधान की सामग्री प्रदान करके विश्व में वेदों व आर्ष ग्रन्थों की प्रतिष्ठा करना तथा उन्हें मानव मात्र का विद्या व धर्म का ग्रन्थ सिद्ध करके मानव एकता व विश्वबन्धुत्व को प्रतिष्ठित करने का प्रयास करते हुए समस्त जीव जगत् का कल्याण करना इस संस्थान का प्रमुख उद्देश्य है। वस्तुतः श्री वैदिक स्वस्ति पन्था न्यास की स्थापना श्री आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी ने इसी महान् उद्देश्य के लिए की थी।
वर्तमान में इस संस्थान के शोधकर्ता
आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक
आचार्य, वैदिक एवं आधुनिक भौतिकी संस्थान
वैदिक वैज्ञानिक
लेखक - वेदविज्ञान-आलोक:

विशाल आर्य
उपाचार्य, वैदिक एवं आधुनिक भौतिकी संस्थान
शोधार्थी
MSc Physics, University of Delhi
डॉ॰ भूप सिंह
वैज्ञानिक
रिटायर्ड एसोशिएट प्रोफेसर, भिवानी
PhD

डॉ॰ संदीप कुमार सिंह
वैज्ञानिक
प्रोफेसर, जे॰ के॰ लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय, जयपुर
Post Doc, PhD
Visiting Researcher, Chalmers University of Technology, Sweden